Not known Factual Statements About sidh kunjika



नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

हेल्थरिलेशनशिपट्रैवलफ़ूडपैरेंटिंगफैशनहोम टिप्स

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध read more कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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